समस्तीपुर : अंधविश्वास का खेल जारी, मृत बच्ची को कब्र से निकाल किया जिन्दा करने की कोशिश

प्रियांशु कुमार /समस्तीपुर, बिहार/ समस्तीपुर मेंसंदेहास्पद तरीके से 6 दिन पहले मृत बच्ची की शव को भगत कब्र से उखाड़ कर घंटो मंत्रोच्चारण कर जीवित करने की कोशिश करते रहे और जुटे हजारों की भीड़ मुकदर्शक बन देखती रही. पुलिस के आने की भनक सुनते ही भगत लाश छोड़कर भाग निकली. जब लोगों ने पकड़ने की कोशिश किया तो वो कुछ लाने का बहाना बनाकर खिसक गई. पंचायत के मुखिया पति भोला बिहारी वगैरह जुटकर लाश को पुनः उसी कब्र में दफना दिया. अजीबोगरीब घटना की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर है.

विदित हो कि हरिशंकरपुर बधौनी पंचायत के सिरसिया दलित कालनी वार्ड-11 निवासी बासुदेव मांझी की करीब 12 वर्षीय पुत्री चंदा कुमारी की मौत 3 अगस्त को घर के बगल में खलते समय अचानक हो गई थी. चर्चा सांप के डंसने के कारण मौत की हुई लेकिन शरीर पर कोई निशान नहीं पाया गया. स्थानीय कुछ लोगों के सांपकटी झराने के सलाह को नजरअंदाज करते हुए मृतक के शव को बगल के श्मशान में दफना दिया गया. कुछ लोगों के सलाह पर अबाबकरपुर के चर्चित भगतीनी को बुलाकर झरबाने की सलाह मानकर भगतीनी के कहे अनुसार परिजनों की उपस्थिति में लाश उखाड़कर हजारों की भीड के समक्ष घंटों विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चारण करती रही लेकिन बच्ची जिंदा न हो सकी. इसी बीच किसी ने पुलिस की आने की खबर फैला दिया.

भगतीनी लाश छोड़कर फरार होने लगी. कुछ लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो कुछ पवित्र सामान लाने का बहाना बनाकर वे खिसक गई. जब बहुत देर तक नहीं लौटी तो स्थानीय मुखिया पति भोला बिहारी आदि को धटना की जानकारी हुई. स्थानीय लोगों की मदद से पुनः लाश को उसी कब्र में दफनाया गया.
इस अजीबोगरीब धटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा माले के सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह आदि ने कहा कि विज्ञान के युग में भी एक तथाकथित भगत के चलते हजारों लोग अंधविश्वास के शिकार होकर तमाशा देखते रहे और मानवता शर्मशार होती रही. यह क्रियाकलाप घंटों चलता रहा. जानकारी के बाबजूद बंगरा पुलिस घटनास्थल पर नहीं आई. उन्होंने कहा कि भाकपा माले इसकी निंदा करते हुए अंधविश्वास फैलाकर मानवता को शर्मशार करने के आरोपी भगत को गिरफ्तार करने की मांग करती है।