मुम्बई में Aare Forest को बचाने के लिए आगे आई समस्तीपुर की बेटी

सरकार एक तरफ पौधा रोपण करती है तो दूसरी तरफ अंधेरे में पौधा की कटाई

प्रियांशु कुमार@समस्तीपुर

धरती पर भविष्य में अगर जीवन सुचारू रूप से मानव जीवन के लिए बनाये रखना है तो हमे अभी से ही पर्यावरण पर अनिवार्य रूप से कठोर कानून और जागरूकता की जरूरत है वर्ना आने वाले दिनों में प्रकृति में कुछ भी सुचारू रूप से वर्तमान जैसा नही मिलेगी क्योंकि वैज्ञानिको का कहना है एक दशक में उत्तरी ध्रुव का काफी तेजी से बर्फ पिघल रही है जिसका दुष्प्रभाव समुन्द्र तल की सतह पर पड़ेगी और ऊँचाई काफी बढ़ जाएगी और प्रकृति में उथल पुथल मच जाएगी ,कही बाढ़ तो कही सुखाड़  है।अगर तापमान की बात करे तो आज से 15 साल पहले भारत के राजस्थान की तापमान लगभग 40 डिग्री थी जो आज 49 डिग्री पर पहुच चुकी है और दुनिया का सांसे गर्म जगह का तापमान 56 डिग्री तक पहुच चुका है जहाँ कुछ भी उपजाना संभव नही है।इसी का दुष्परिणाम है कि बेतहासा वर्षा हो रही है और पेड़ पौधे और फसलें बर्बाद हो रही है।
भारत मे बहुत पुराने समय से प्रकृति की रक्षा करने के लिए समय समय पर पेड़ बचाओ आंदोलन छालय गए है जो सबसे बड़ा आंदोलन सुंदर लाल बहुगुणा के द्वारा चिपको आंदोलन चलाया गया था।
आज फिर उसी राह पर हमारा समाज खरा है समाज को एक जुट होकर हमे मानव सभयता को बचाने के लिए एक बार फिर से चिपको आंदोलन की आवस्यकता आन पड़ी है।मुंबई के आक्सीजन बैंक कहे जाने वाले Aare Forest को बचाने के लिए “सेल्फी विद ट्री” अभियान के महिला विंग के द्वारा बिहार के समस्तीपुर में अनोखी प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन के माध्यम से बताने का कोशिश किया गया है की अरे पेड़ पौधा से शुद्ध प्राणवायु प्राप्त होती है जिससे हम जीवित रहते हैं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व रीता कुमारी ने की।
29 लोगो पर fir मुम्बई में पुलिस कर चुकी है जिसमे एक छात्र की सोमवार को परीक्षा भी है कोर्ट ने पुलिस अभिरक्षा में परीक्षा के लिए इजाजत ढ़ी है लेकिन समाज के लिए एक यक्ष प्रशण है कि देश मे अपराध करने वाले Ac में रहते है और पिरित जेल भेज जा रहे है समाज को इसकी खिलाफ आवाज उठाने का समय आ गया है वर्ना आने वाले पीढ़ी को देने के लिए स्वक्ष वातावरण और इस सवाल के लिए हमे जवाब नही रहने पर शर्मिंदा होना पड़ेगा।पेड़ काटने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान होम चाहिए।