सहरसा:विश्व नृत्य दिवस पर शशि सरोजनी रंगमंच द्वारा संगोष्ठी का आयोजन

सुभाष चन्द्र झा
कोसी टाइम्स@सहरसा

भारतीय संस्कृति एवं धर्म आरंभ से ही मुख्यतः नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। नृत्य मानवीय संवेदनाओं और मनोभावों की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है।

उक्त बातें शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान में सोमवार को विश्व नृृत्य दिवस पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संस्थान सचिव वन्दन वर्मा ने कही।

उन्होंने कहा कि नृत्य हमें ईश्वर और प्रकृति के नजदीक ले जाता है। भारतीय संस्कृति में नटराज शिव नृत्य के आदि प्रवर्तक माने जाते है। भारतीय संस्कृति एवं धर्म के इतिहास में कई ऐसे प्रमाण मिलते हैं कि जिससे सफल कलाओं में नृत्यकला की श्रेष्ठता सर्वमान्य प्रतीत होती है।

भारतीय नृत्य उतने ही विविध हैं जितनी हमारी संस्कृति, लेकिन इन्हें दो भागों में बाँटा जा सकता है- शास्त्रीय नृत्य तथा लोकनृत्य। हाल ही में बॉलीवुड नृत्य की एक नई शैली लोकप्रिय होती जा रही हैं जो भारतीय सिनेमा पर आधारित है। इसमें भारतीय शास्त्रीय, भारतीय लोक और पाश्चात्य शास्त्रीय तथा पाश्चात्य लोक का समन्वय देखने को मिलता है।

कथक राजस्थान और उत्तर भारत की नृत्य शैली है। वर्तमान समय में बिरजू महाराज इसके बड़े व्याख्याता रहे हैं। हिन्दी फिल्मों में अधिकांश नृत्य इसी शैली पर आधारित होते हैं। यदि बिहार की बात की जाय तो इसकी पहचान ही सांस्कृतिक गरिमा से होती है। बिहार तो कोशा और आम्रपाली जैसी कुशल नृत्यांगनाओं की धरती है।

संस्थान ने भी विभिन्न अवसरों पर नृत्य को प्राथमिकता दिया है चाहे वह शास्त्रीय नृत्य हो या लोक। अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई। यूनेस्को की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्था की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय नाच समिति ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान् रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मौके पर संस्थान के बच्चों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर विश्व नृत्य दिवस की महत्ता को जनसाधारण तक पहुँचाने में अपना योगदान दिया। इस अवसर पर रंगकर्मी कुन्दन वर्मा, सज्जन रंजन, हेमंत मोहन, मोनी माही, अनुष्का, ऋतिका सिन्हा, शालिनी, पूजा, मुस्कान, अग्रिमा, अदिति, तनवी, प्रीति, पल्लवी, निभाष, गगनदीप, निजाम शेख, खुशबू, तृप्ति, शिवानी आदि शामिल थे।