संजय कुमार सुमन
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राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर बिहार विधानसभा में वोटिंग का काम पूरा हो गया।पुस्तकालय कक्ष में बने मतदान केंद्र पर कुल 241 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि, बीरेंद्र कुमार सिन्हा ने देहरादून में वोट डाला।एक विधायक की तबीयत खराब होने की बात सामने आयी है। चार निर्दलीय विधायकों ने भी अपने वोट डाले।उम्मीद जतायी जा रही है कि निर्दलीय विधायकों ने रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया है।
जदयू ने किया है रामनाथ कोविंद को समर्थन करने का फैसला
मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद के बीच में है मुकाबला
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई, 2017 को पूरा हो रहा है। इस बार के चुनाव में कुल 4896 मतदाता, 4120 विधायक और 776 सांसद अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।राष्ट्रपति के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार के बीच मुकाबला है। राष्ट्रपति चुनाव में कुल पड़ने वाले मतों की संख्या 10,98,903 है।एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 63 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है।
प्रेम कुमार ने राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के भारी विजय की संभावना जताई है।राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने आए प्रेमकुमार ने मीडिया को बताया कि बिहार में जनता दल यूनाइटेड समेत एनडीए के अलावा गैर NDA दलों ने भी रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया है।इन्ही के समर्थन के आधार पर हमें भारी जीत की उम्मीद है।
एक तरफ जहां राष्ट्रीय जनता दल ने कल विधायक दल की मीटिंग में विधायकों को चेतावनी दिया कि अगर क्रॉस वोटिंग या वोट रद्द होने की स्थिति में उनके आने वाले विधानसभा के चुनाव में टिकट काट दिए जाएंगे। मतलब साफ है कि लालू यादव को भी यह डर सता रहा है कि कहीं विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए ना जाएं। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति के चुनाव के लिए बिहार विधानसभा में तमाम विधायकों का आने जाने का सिलसिला जारी है।लोग बड़े उत्साह से राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंच रहे हैं।
बता दें कि यह दोनों उम्मीदवार दलित बैकग्राउंड से आते हैं।कोविंद वकालत के पेशे से जुड़े होने के कारण संविधान के अच्छे जानकार हैं। वहीं मीरा कुमार लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष व आईएफएस अधिकारी रहीं हैं। साथ ही उनके पति वकील हैं तो इन्हें भी संविधान की गहरी जानकारी हैं। गौरतलब है कि आजादी के बाद से अब तक 14 बार राष्ट्रपति चुनाव हुए।इनमें 13 व्यक्ति सर्वोच्च पद पर पहुंचे। दो बार राष्ट्रपति बनने का सम्मान सिर्फ देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को मिला।