पूर्णिया:देवघर से एक और कांवडिया का शव पहूंचा रूपौली,मचा फिर हाहाकार

मंजुला देवी  रूपौली,पूर्णिया 

टीकापटी थाना क्षेत्रके श्रीमाता गांव में शुक्रवार को देवघर से सडक दुर्घटना में हादसे का शिकार हुए एक कांवडियाका शव पहूंचते ही हाहाकार मच गया । शव को देखने हजारो की संख्या में ग्रामीण हादसे के शिकार नरेश पंडित 40 वर्ष के यहां पहूंच गई । घटना के बारे में मृतक नरेश पंडित का साला भवेश पंडित जो भागलपुर जिला के ढोलबज्जा गांव का रहनेवाला है, ने बताया कि उसके गांव ढोलबज्जा से ही योजना बनी कि देवघर जल चढाने जाना है । वे अपने जीजाजी नरेश पंडित को भी बुला लिए तथा गांव के ही एक ऑटो जिसपर माल ढोआ जाता है को भाडा पर लेकर जीजाजी नरेश पंडित, वे स्वयं, गांव के संजय पंडित, अजीत शर्मा, छोटू शर्मा, देवानंद शर्मा, श्रवण शर्मा एवं गोलु शर्मा के साथ देवघर 30 जुलाई की शाम देवघर निकले । वे 31 की सुबह 10 बजे जल चढाकर फिर ऑटोसे बाबा बासुकीनाथधाम के लिए निकले । वे देवधर बासुकीनाथधाम सडक पर डुमरथम के पास पहूंचे थे कि एक मोड पर ऑटो पलट गया, जिसमें नरेशडल, वे स्वयं, श्रवण शर्मा, अजीत शर्मा एवं संजय पंडित घायल हो गए, परंतु नरेश पंडित का सिर फट जाने से काफी खून बह गया । तरुत वे उन्हें लेकर देवघर गए, वहां से उन्हें धनबाद रेफर कर दिया गया । वहां अस्पताल में उन्हेांने दम तोड दिया । वहां से षव का अंत्यपरीक्षण कराकर षव को लेकर उनके गांव श्रीमाता पहूंचे हैं ।

नरेश सहित घायल छटपटा रहे थे तथा ऑटो चालक ऑटो सहित अन्य फरार हो गए
रूपौली- दुनिया कितनी संवेदनहीन हो गई है कि अपने ही साथियों को घायल अवस्था में छोड फरार हो जाते हैं । ऐसा ही नरेश पंडित के साथ हुआ । उनका ऑटो जब दुर्धटनाग्रस्त हुआ तथा नरेश बुरी तरह से जख्मी थे, जबकि भवेश, संजय, श्रवण एवं अजीत भी मामुली रूप से घायल थे । उन्हें अस्पताल पहूंचाने के बजाय, ऑटो चालक अन्य साथियों के साथ पुलिस के ऑटो पकडने के डर से ऑटो सहित फरार हो गया । सहायता नहीं मिल पाने की वजह से नरेश के सिर से बहुत ही ज्यादा खून बह गया । तत्काल उन्हें अस्पताल पहूंचाया जाता, तो निष्चित ही नरेश की जिंदगी बच सकती थी ।

शव पहूंचते ही मचा हाहाकार
गांव में जैसे ही नरेश पंडित का शव पहूंचा, हजारो की संख्या में ग्रामीण एवं शुभचिंतक पहूंच गए तथा विलखने लगे । सबसे ज्यादा हृदय विदारक दृष्य उनकी पत्नी शबनम देवी, चार पुत्रियां मनीषा, नीशा, नेहा, गुडी एवं पुत्र गुडु को देख लग रहा था । सभी आपस में एक-दूसरे से लिपट रोए चले जा रहे थे । सभी बार-बार बेहोश हो रही थीं । पडोसी सह सामाजिक कार्यकर्ता अमित पंडित कहते हैं कि भगवान ऐसा दुखों का पहाड किसी पर ना फोडें ।

कलप रही हैं पत्नी शबनम देवी
शबनम को पति को दुख तो खा ही रहा है, अब तो उन्हें चार-चार पुत्री तथा एक नाबालिग पुत्र की जिम्मेदारी को लेकर भी चिंता खाए जा रही है । कौन देखेगा उन्हें, कैसे पढेंगे बच्चे, बेटियां शादी लायक हो गई हैं, कौन कराएगा शादी । कुछ इन्हीं कारणों से वह रह-रहकर चींख पडती हैं । भगवान को कोसती रहती हैं, कि भगवान ने उन्हें किस बात की सजा दी । पांच-पांच बच्चों को एक साथ अनाथ कर दिए । 12 वर्षीय गुडु को उतरी पहने देख सभी लोग गमगीन हो जा रहे हैं । जिस बच्चे को अभी खेलने-कूदने के दिन थे, भगवान ने कैसी विपत्ति दे दी ।

मौके पर पहूंची प्रमुख रेखा देवी, दीं संतावना
खबर पाकर मौके पर प्रमुख रेखा देवी, मुखिया अमीन रविदास, उपमुखिया सह वार्ड संघ जिला अध्यक्ष सुमन कुमार, सरपंच राजेश रविदास सहित अन्य बुद्धिजीवी एवं जनप्रतिनिधि पीडित के घर पहूंचे तथा आश्वासन दिया । मुखिया अमीन रविदास ने कबीर अंत्येश्ठि योजना से तीन हजार रूपये दिए । जबकि प्रमुख रेखा देवी ने कहा कि उसे सरकार की ओर से मिलनेवाली हर योजनाका लाभ दिलवाएंगी ।

नहीं चेत रहे लोग, ऑटो, बाइक से सफर कर रहे हैं 
अभी सपाहा गांव की धटनाको लोग भूले भी नहीं थे कि श्रीमाता की घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर लोग क्यों अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं । सपाहा गांव के लोग भी देवघर ऑटो से गए थे, नतीजा सामने है कि तीन जिंदगियां चली गईं तथा तीन जीवन-मौत से संघर्श कर रही है । इसको भी गंभीरता से नहीं लिया गया तथा एकबार फिरऑटो, उसमें भी माल ढोनेवाले ऑटो की पीछे बैठकर लोग देवघर जाने की हिम्मत कर गए । नतीजा तो होना ही था, सो हुआ । इतना ही नहीं सैकडो की संख्या में बाइक से बिना हेलमेट लगाए श्रद्धालुओं को काफी तेज रफतार से देवघरजाते आम बात हो गई है । हमेशा हादसे हो रहे हैं, परंतु इसका कोई असर नहीं पड रहा है ।