बीपीएससी पर्चा लीक मामले की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से करवाने का पप्पू यादव ने किया मांग

मधेपुरा/ बीपीएससी के चेयरमैन आरके महाजन के सत्ता और विपक्ष के लोगों से गहरा व्यक्तिगत संबंध है। इस संबंध की गहराई से जांच होनी चाहिए। उक्त बातें जाप सुप्रीमो पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कही। वे मधेपुरा शहर के मस्जिद चौक के समीप वार्ड पार्षद मो. इसरार अहमद के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।

पूर्व सांसद ने कहा कि राजद गठजोड़ की सरकार में आरके महाजन को खास तौर पर स्वाथ्य विभाग का सचिव बनाया गया। एनडीए की सरकार में रिटायर होते ही उन्होंने बीपीएससी का चेयरमैन बना दिया गया। ये नियुक्तियां खुद ही उनके संबंधों की उजागर कर रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि सिर्फ बिहार में ही प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक हो जाते हैं। दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तो ऐसा नहीं होता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि यहां की शिक्षा व्यवस्था खराब है। बड़े-बड़े कोचिंग संचालक और सत्ता व विपक्ष के नेताओं के गठजोड़ से प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक होते हैं। चाहे पूर्व में बीपीएससी से हुई प्रोफेसर की बहाली के मामला हो। कई विधायक साइंस विषय तक के प्रोफेसर बन गए, जबकि उन्हें साइंस का एक चैप्टर तक पढ़ाने नहीं आता है।

हाईकोर्ट के वर्तमान जस्टिस से जांच की मांग
जाप सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि बीपीएससी पर्चा लीक मामले की जांच वही लोग करवा रहे हैं, जो इसमें शामिल हैं। ऐसे में सिर्फ खानापूरी होगी। बड़ी मछली को बचाने के लिए छोटी मछली को बलि का बकरा बनाया जाएगा। उन्होंने इस मामले की सीबीआई या हाइकोर्ट के वर्तमान जस्टिस से इस मामले की जांच कराने की मांग की।

आचार संहिता उल्लंघन मामले में हुई गवाही
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में मधेपुरा कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान एडीजे प्रथम की अदालत में उनकी गवाही हुई। जिस पर 13 तारीख को फैसला आने की संभावना है। 30 अक्टूबर 2015 को आलमनगर विस क्षेत्र में पूर्व सांसदे पार्टी प्रत्याशी जयप्रकाश सिंह के समर्थन में 10 से अधिक चार पहिया गाड़ी को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाने के आरोप में सीओ ने थाना में केस दर्ज कराया था। पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज अम्बष्ठ ने बताया कि मंगलवार को पूर्व सांसद की गवाही हुई है। बुधवार को बहस व 13 मई तक फैसला आने की संभावना है।

छात्र की आत्महत्या की स्थिति होने में पदाधिकारी पर हो मुकदमा: जाप सुप्रीमो
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा बेदाग नहीं रह रहा है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते-करते छात्रों की उम्र समाप्त हो जाती है। ऐसे में तनाव में कई छात्र आत्महत्या तक कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा मामले को लेकर यदि कोई छात्र आत्महत्या करता है, तो बीपीएससी से जुड़े पदाधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। जिन 6 लाख परीक्षार्थियों ने बीपीएससी का फार्म भरा था, उनके फार्म भरने में हुए खर्च और परीक्षा देने के लिए घर से सेंटर आने-जाने का कुल खर्च सरकार 15 दिनों में वापस करे।

इस दौरान राजद छोड़कर जाप में शामिल हुए वार्ड पार्षद इसरार अहमद के नेतृव में मास्टर वसी साहब, शमशाद आलम, हैदर अली, कमाल जहूर, महमूद, मो. अलाउद्दिन, पूर्व सांसद प्रतिनिधि रामकुमार यादव, बंटी बजाज, नन्हें, शमशेर, नूतन सिंह, कला क्रांति, छात्र अध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू आदि थे।