मौलाबक्स मैदान में एक दिवसीय शहीद-ए-आजम जलसा का हुआ आयोजन

कुमार साजन/चौसा, मधेपुरा/ प्रखंड क्षेत्र के पैना मौलाबक्स मैदान में एक दिवसीय मखदूम सिम्नानी रहमतुल्लाह अलै के उर्स ए पाक के मौके पर जलसा का आयोजन किया गया जिसकी सदारत मौलाना बेलाल अहमद अशरफी एवं सर परस्ती मौलाना मुबारक हुसैन नूरी ने की।

ऑलमा व शोरा ने आए हुए हजारों जायरीन को संबोधित करते हुए भागलपुर खानकाहे शाहबाजिया अताई मियां ने कहा कि आज मुसलमान अपने मजहबी किताब कुरआन मस्जिद से दूरी अपना लिया जिसकी वजह से आज लोग परेशान नजर आ रहे हैं।हर एक जिंदगी का हल कुरान में मौजूद है जिसको अल्लामा इकबाल ने कहा था लोगों ने सिर्फ कुरान से मरना सिखा है। काश लोग कुरान से जीना भी सीख लेते आज लोग परेशान नजर नहीं आते। उन्होंने कहा हजरत इमाम हुसैन ने इतनी बड़ी जंग क्योंकि उनका मकसद क्या था जुल्म के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई और यह पैगाम दिया हर एक मजहब को मानने वाले को जुल्म के खिलाफ सर कटा के भी जुल्म का अंत किया।

मौलाना अजमल सहाब पूर्णिया ने भी मखदूम सिम्नानी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी जिंदगी का हर एक लम्हा जुल्म के खिलाफ था और इंसाफ दिलाने के लिए हमेशा उनका कदम आगे रहा। उन्होंने अपने पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अले है वसल्लम कि जीवन को बयान किया। लोग पैगंबर के जीवन को अपनी जीवन में ले आये यही लोगों की कामयाबी है। शायरी इस्लाम नादिर जमाली एवं मौलाना जमजम वैशाली मधुपुरी ने अपने -अपने नातिया कलाम से आए हुए जायरीन को झूमने पर मजबूर कर दिया। मौलाना बेलाल अहमद अशरफी ,मौलाना मंसूर जोहर ,मौलाना दावर, मौलाना ताजुद्दीन, हाफिज साकिब राजा हाफिज जमशेद, आदि मौलाना जलसे को संबोधित किया। जबकि जलसे की नकाबत हाफिज व कारी तौफीक रजा ने की ।

इस मौके पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य निसार अहमद,मो0 सलाउद्दीन, शाहबाज नदीम ,नूर आलम तबरेज आलम, आफताब आलम, मोहम्मद रब्बान ,मुराद अली आदि अशरफ कमेटी के लोग आए हुए मेहमान के खातिर में लगे रहे।