कुमार साजन@चौसा, मधेपुरा
जागरूकता के अभाव में ग्रामीण टीकाकरण से परहेज कर रहे हैं। टीकाकरण के लिए दल जब गांव जाता है तो ग्रामीण टीका लगाने से मना कर देते हैं और कहते हैं कि टीका से लोग मर जाते हैं इसलिए टीका नहीं लगवाएंगे। ऐसा ही एक मामला चौसा प्रखंड के मोरसंडा गोठ बस्ती में देखने को मिला। यहां ग्रामीणों ने टीका लगाने गई टीम से वाद-विवाद कर उसे वापस कर दिया।
बताया जाता है कि चौसा प्रखंड के मोरसंडा गोठ बस्ती में करोना का टीका लगाने पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ स्थानीय लोगों ने गाली-गलौज करते हुए टीका लेने से इनकार कर दिया। मामला काफी गंभीर होने के बाद घटना की जानकारी मिलते ही मुखिया विद्यानंद पासवान के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामले को शांत कराया गया।
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि ग्रामीण सीधे यही कह रहे थे कि यदि अब दोबारा यहां पर वैक्सीन लगाने आओगे तो मार खाओगे।टीकाकरण को लेकर भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई भ्रांतियां फैली है।ग्रामीणों के मन में ये डर बैठ गया है कि टीका लेने से मौत हो जाती है।यही कारण है कि मोरसंडा पंचायत के विभिन्न गांवों के लोगों ने अब तक कोविड 19 का वैक्सीन नही लिया है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज्ञानरंजन कुमार ने कहा मोरसंडा में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ जो कुछ भी हुआ निंदनीय है।ऐसी बहुत सी भ्रांतियां ग्रामीणों में है जिनका सामना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को करना पड़ रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग वैक्सीन ले और किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।