मधेपुरा : चुनावी खर्च के नाम पर लुट मामले की चर्चा होती रही पुरे दिन, लोगों ने कहा भ्रष्ट अधिकारीयों पर तुरंत हो कार्रवाई

मधेपुरा/ बुधवार को कोसी टाइम्स में प्रकाशित खबर विधानसभा चुनाव 2020 में चुनावी खर्च के नाम पर करोड़ो का बंदर बाँट, जांच में सामने आया 10 से 15 करोड़ का फर्जीवाड़ा  के बाद गुरूवार को पुरे दिन जिले का माहौल गर्म रहा .इतने बड़े रकम की इस तरह से अधिकारीयों के मिलीभगत से लुट के मामले से जिला सहित सम्पूर्ण बिहार के लोग सकते में है.हर ओर इस मामले की चर्चा होती रही और लोगों ने ऐसे अधिकारीयों पर तुरंत करवाई का मांग किया है. लोगों ने कहा कि अब तक चुनाव सहित अन्य कार्य में सहरसा के विजय श्री प्रेस को काम मिलता रहा है और उनका पेमेंट होता रहा है निश्चित ही इससे पूर्व भी उनके द्वारा फर्जी विपत्र बनाकर अधिकारीयों को कमिशन देकर सरकारी खजाना में करोड़ो का चुना लगाया गया होगा. जिले के बुद्धिजीवियों और राजनितिक दलों के लोगों ने सरकार और जिले के अधिकारीयों पर जमकर हमला बोला है. मालूम हो कि जिले के वर्तमान डीएम श्याम बिहारी मीणा के द्वारा विधानसभा चुनाव 2020 में किये गये कार्य का पेमेंट के लिए विजय श्री प्रेस के द्वारा जमा किये गये विपत्र की जाँच करवाई गयी जिसमे 9 विपत्र पूरी तरह से फर्जी पाया गया जिसके बाद उनका पेमेंट रोक दिया गया है.

राजद जिलाध्यक्ष जयकांत यादव ने इस मामले में कहा कि निश्चित ही ये बड़ा लुट का मामला है इसकी उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए.पूर्व के जिलाधिकारी द्वारा जिस तरह से सरकारी राशी की बन्दरबांट की गयी है उसकी जाँच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करता हूँ.

भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के सीनेट सिंडिकेट सदस्य डॉ जवाहर पासवान ने कहा कि कोसी टाइम्स के माध्यम से इस मामले को जाना .बहुत दुखद है कि लोकतंत्र के महापर्व को इस तरह से कुछ अधिकारी बदनाम कर दिए है. कहा जनता के करोड़ो करोड़ की राशी बन्दरबांट हुई है इसकी उच्च स्तरीय जाँच हो और दोषी पर तुरंत कार्रवाई हो.उन्होंने कहा किस परिस्थिति में एक प्रेस को इतना लुट करने दिया गया है.जो सामान 50 रूपये का है वो सौ कैसे लिया गया.उन्होंने कहा ये सब कमिशन का खेल है .जनता का पैसा इसमें लुटा गया है भ्रष्ट अधिकारीयों एवं दोषी पर तुरंत कार्रवाई का मांग करता हूँ.

निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष सह माया संरक्षक किशोर कुमार ने कहा कि देश के जनता के खून पसीने के पैसे से सरकार चुनाव करवाती है और उस पैसे का इस तरह से बन्दरबांट करना दुखद है.पूर्व के डीएम नवदीप शुक्ला के समय में लोकसभा चुनाव भी हुआ है उसकी भी जाँच होनी चाहिए.मधेपुरा में जिस तरह से ये मामला उजागर हुआ है ये लगता है सम्पूर्ण बिहार का मामला है जहाँ अधिकारीयों के मिलीभगत से करोड़ो करोड़ का बन्दरबांट हो रहा है.श्री कुमार ने विधायकों से मांग किया है कि इस मामले को विधानसभा में उठाया जाय और राज्य सरकार इस मामले की जाँच कर भ्रष्ट और बन्दर बांट में लिफ्त अधिकारीयों पर तुरंत कार्रवाई हो.