मधेपुरा : पुलिस पर हमला मामले में न्यायालय ने तीन को दिया बेल

मधेपुरा/  पुलिस जरूरत पड़ने पर कई बार आपकी प्राथमिकी तक दर्ज करने में आना कानी करती है तो कई बार नही भी करती है लेकिन फर्जी मुकदमे में फंसा कर आपको जेल भेजने की ताकत जरुर रखती है. मौक़ा मिले तो ये बिना गलती के भी आपको जेल जाना पड़ सकता है. ताजा मामला मधेपुरा सदर थाना का है जहाँ तीन बेकसूर लोगों को पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने के मामले में न्यायालय द्वारा बेल दे दिया गया है और पुलिस को फटकार लगाईं है.

दरअसल मामला 17 नवम्बर का है जहाँ शराब तस्कर को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला बोल दिया गया था.इसमें कुछ पुलिसकर्मी के घायल होने की भी बात सामने आई थी.इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को नामजद करते हुए गिरफ्तार कर लिया था. जबकि बाद में इन सातों लोगों के परिजनों द्वारा थाना पहुंचकर जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी.परिजन और नामजद आरोपियों द्वारा पुलिस को कहा गया कि वो लोग निर्दोष है शराब माफिया को ये लोग न ही जानते है न ही इस कार्य में लिफ्त है लेकिन पुलिस ने किसी की भी नही सुनते हुए गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया.

अब बीते दिन न्यायालय में उस मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद अधिनियम विनय प्रकाश तिवारी ने सात आरोपियों में तीन आरोपियों जिनमे राजीव कुमार,चन्दन कुमार और कुंदन कुमार जिसका 23 नवम्बर को बेल फाइल कर मूव किया गया था उसका बेल दे दिया. न्यायाधीश द्वारा डायरी व आपराधिक इतिहास की मांग की गयी जिसमे आरोपियों के घटना में लिफ्त और शराब से सम्बन्धित कारोबार में किसी भी तरह के लिफ्त होने के सबुत नही मिले.

पुलिस द्वारा गंभीर मामलो में दर्ज मामले को लेकर न्यायालय न पुलिस को फटकार भी लगाईं और हिदायत दी. उत्पाद के रिमांड अधिवक्ता ऋषिकेश कुमार ने इस सम्बन्ध में बताया कि पुलिस द्वारा बेगुनाह लोगों पर इस तरह गम्भीर धाराओं में मामला दर्ज करना सही नही है. पुलिस को जाँच पड़ताल कर मामला दर्ज करना चाहिए. वहीँ इस सम्बन्ध में मामले के अनुसंधानकर्ता श्यामदेव ठाकुर ने बताया कि तीनों आरोपी राजीव कुमार,चन्दन कुमार और कुंदन कुमार को इस मामले में निर्दोष पाया गया.