मधेपुरा : भूख से बिलखे कोरोना पॉजिटिव मरीज अस्पताल से भागने का किया कोशिश ,कहा ऐसा खाना जानवर न खाए

सिंहेश्वर ,मधेपुरा/शुशांत कुमार / जन नायक कर्पुरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की स्थिति सुधरने के बजाय लगातार गिरती ही जा रही है. अस्पताल प्रबंधन से कभी वहां के डॉक्टर परेशान रहते है तो कभी मरीज. लेकिन अब मामला कुछ अलग ही है. जिस कोरोना वायरस से पुरा विश्व परेशान है और रोज इससे संकम्रितों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. वैसे मरीजों को मेडिकल कॉलेज में ठीक  से खाना तक नही दिया जा रहा था,पानी भी पुरी तरह से दुषित. इस रवैया से परेशान एक साथ 17 कोरोना पॉजिटिव मरीज के भागने की कोशिश के बाद हॉस्पिटल में अफरातफरी मच गई.  सभी खाना नहीं मिलने से गुस्से में थे. काफी मुश्किल से इन सभी को समझाकर वापस वार्ड में भेजा गया.

हालांकि इसके बाद दो दर्जन से अधिक पुलिस बल स्थिति को नियंत्रण करने के लिये पहुंचे. लेकिन तब तक मामला शांत हो गया था. लेकिन अगर भुल से भरी ये सभी लोग अस्पताल से बाहर यत्र तत्र निकल जाते तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति काफी भयावह हो जाती. इस संक्रमण को रोकने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता. देर रात लगभग 12 बजे तक चले इस ड्रामें को निपटाने के लिये बीडीओ सिंहेश्वर राजकुमार चौधरी, सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह, सिंहेश्वर थानाध्यक्ष सुबोध यादव, कंमाडो हेड वीपीन कुमार, गोपाल कुमार आदि पहुंच चुके थे.


हंगामा के बाद मिला खाना वह भी घटिया– घटना के बारे में बताया जा रहा है कि चौसा और कुमारखंड के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. जिसके बाद 17 प्रवासी मजदूरों को मधेपुरा के कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया. दिनभर के भूखे प्रवासी मजदूरों को रात लगभग 10 बजे तक खाना नहीं मिला. जिससे परेशान होकर सभी कोरोना पॉजिटिव मरीज भागने लगे. जैसे ही भागने की खबर अधिकारियों को लगी तो अफरातफरी का माहौल हो गया. तुरंत खाना भेजवाया गया. लेकिन जो खाना दिया गया वह भी घटिया किस्म का था. पीने का पानी पीला था.

अधिकारियों से की शिकायत लेकिन किसी ने सुना नही
इस रवैये से परेशान मरीजों ने घटिया खाना और पानी की शिकायत उसने एक अधिकारी से की, लेकिन अधिकारी ने समस्या का समाधान नहीं किया. एक प्रवासी मजदूर ने कहा कि इसकी शिकायत एडीएम, सीओ, एसडीओ से बात की. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था. जबकि अस्पताल अधिक्षक फोन तक नही उठाते है. खाना और पीने का इतना पानी घटिया दिया गया है कि उसको कोई जानवर भी नहीं खा और पी सकता है. जिससे मजबूर होकर वह भागने लगे.

प्रत्यक्षदर्शी मुकेश यादव ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की मनमानी चरम पर है.घटिया खाना और पानी के कारण रात इतना बड़ा हंगामा हो गया अगर एक भी मरीज भाग जाता तो तो क्या स्थिति होता अंदाजा लगाया जा सकता है.उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाते हुए अविलम्ब सभी परेशानियों को दूर कर सुधार लाने का मांग किया है.

हंगामा के बाद अधिकारी पहुंचे और भरोसा दिया कि तीन टाइम का खाना मिलेगा और पीने का शुद्ध पानी मिलेगा. जिसके बाद हंगामा करने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज शांत हुए. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि अगर यहां पर भोजन नहीं दे सकते तो हमें क्वॉरेंटाइन सेंटर ही भेज दे. वहां पर कोई दिक्कत नहीं है.