जमुई:सूखे की मार झेल रहे खैरा के किसानों के साथ दगाबाजी

मुकेश कुमार

कोसी टाइम्स@जमुई
जमुई में प्रकृति की मार और मानसून की बेरुखी से खरीफ की खेती पर बुरा असर पड़ा है।जिसके मद्देनजर जिले के आठ प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए अनुदान की स्वीकृति की गई है।लेकिन हैरानी की बात है कि इस सूची में खैरा प्रखंड के एक भी पंचायत का नाम शामिल नहीं है।जबकि प्रखंड के अधिकांश इलाके में सूखे की स्थिति है।यूं कहें कि अधिकारियों की नजर में खैरा के किसानों के लिए इंद्रदेव मेहरबान रहे हैं।दरअसल,आंकड़ों के खेल में उलझा कर प्रखंड को सुखाड़ की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इसको लेकर प्रखंड भर के किसानों में रोष है।बताते चलें कि रोपणी के समय से ही कृषि विभाग आंकड़ों के माध्यम से खिलवाड़ करता आ रहा है। किसानों की मानें तो वर्षा के अभाव में रोपणी विलंब से शुरू हुआ था। बावजूद विभाग द्वारा 87 फीसद रोपणी होने का रिपोर्ट दिया गया।खैरा प्रखंड को सूखे का दर्जा नहीं देने पर राजद नेता अरुण कुमार चौहान, श्याम सुंदर शर्मा आदि ने कहा कि सरकार का यह निर्णय किसानों के साथ छलावा है। खैरा के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। सरकार के किसान विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।