क्या कोविड-19 महामारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्वसनीयता को कम किया है ?

नैनिका /कोसी टाइम्स @ स्पेशल डेस्क / विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यू॰ एच॰ ओ॰) संयुक्त राष्ट्र संघ की स्वास्थ्य एजेन्सी है जो स्वास्थ्य से सम्बंधित अनुसंधान, आपातकालीन मदद पहुँचाने, तकनीकी सहायता देने, विश्व स्वास्थ्य रिपोर्ट जारी करने इत्यादि से सम्बंधित कार्यों को करती है।इसका गठन 7 अप्रैल 1948 को किया गया था एवं मुख्यालय जेनेवा में है। अपने स्थापना के बाद से ही डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने कार्यों के द्वारा विश्व में अपनी पहचान बनाई। संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मात्र विशिष्ट एजेन्सी डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ है जिसे आम लोगों के बीच स्वीकृति मिली है। पोलियो उन्मूलन, टी॰बी॰ बीमारी के रोकथाम, मलेरिया के रोकथाम, चिकनगुनिया के रोकथाम, ईबोला वाइरस के रोकथाम, निपाह वाइरस के रोकथाम इत्यादि में डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की भूमिका सराहनीय रही है एवं अपने इन्ही कार्यों के द्वारा अपनी विस्वसनीयता को बनाए रखा।

हालाँकि डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ के लोकतंत्रीकरण की माँग 21वीं सदी में उठनी शुरू हो गई। भारत समेत कई विकासशील देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ समेत उसकी कई संगठन एवं एजेन्सी को लोकतंत्रीकरण करने की माँग हमेशा से की है यानी सभी देशों का समान सहभागिता। लेकिन विकासशील देशों की माँग को नज़रंदाज किया गया। कोविद-19 महामारी ने एक बार फिर से डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ पर प्रश्नचिन्ह लगाया है और इसकी भूमिका पर सवाल होने लगे है। विश्व के कई देशों ने कोविद-19 महामारी के चीन के अलावा कई देशों में फैलने के लिए डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की निष्क्रियता को माना है।इन सभी पक्षों के विश्लेषण को सामने रख रही है शोध छात्रा नैनिका, राजनीति विज्ञान विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, बिहार।शोध छात्रा नैनिका इन सभी विवादों की वजह इस संगठन में लोकतंत्रिकरण का ना होना और साथ ही इसके समाधान के लिए डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ का लोकतंत्रिकरण को आवश्यक मानती है।

कोविड-19 महामारी और डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ कोविड-19 महामारी की शुरुआत चीन से हुई है और वैश्वीकरण के इस दौर में विश्व के कई देशों में आसानी से पहुँच गया। कोविड-19 महामारी चीन के वुहान प्रांत से नवम्बर माह के अंत में आरम्भ हुआ।माना जाता है की चीन ने इस महामारी के बारे में सूचना को सार्वजनिक नहीं किया एवं दूसरी ओर डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ को जब इस महामारी के बारे में जानकारी हुई तो विश्व के कई देशों को गाइडलाइन देने में देरी किया। डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ ने अपने ट्विटर अकाउंट से 14 जनवरी 2020 को कोविड-19 महामारी के बारे में जानकारी दिया था साथ ही साथ इसे वैश्विक स्वास्थ्य महामारी घोषित करने में देरी किया है, जिसके कारण कई देशों ने इस संगठन के काम-काज पर सवाल उठाया है। कई देशों का कहना है कि  डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ का डाईरेक्टर जनरल चीन के प्रभाव में काम कर रहा है और यही कारण है की इस महामारी के लिए चीन को ज़िम्मेवार नहीं ठहरा रहा है।

विश्व के कई देशों ने चीन को इस महामारी के लिए ज़िम्मेवार माना है और उनका कहना है कि  चीन इस महामारी से सम्बंधित कई सूचना को छुपा रहा है जैसे कोरोना वाइरस के उत्पन्न होने का स्रोत, रोकथाम की सम्भावना, अन्य देशों में फैलने का माध्यम, चीन के अन्य प्रांत में इसका विस्तार क्यों नहीं हुआ इत्यादि। विश्व के अनेक देश डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ से एक निष्पक्ष जाँच चाहते हैं और अपना एक प्रतिनिधि मंडल चीन में भेजना चाहते है। इस सिलसिले में डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की वार्षिक आम सभा की 18 मई 2020 की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर के विश्व के 120 से अधिक देशों ने एक स्वतंत्र जाँच की माँग की है। एक क़दम आगे बढ़ते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका (यू॰ एस॰ ए॰ ) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 445 मिलीयन अमेरिकन डॉलर डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ को देने वाली आर्थिक सहायता को रोक दिया। इस तरह से कोविड-19 महामारी से निपटने में डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ को सहयोग लेने में कठिनाई हो रही है।

लोकतांत्रिकीकरण से ही हो सकेगा डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ का बेहतर कार्य निष्पादन : संयुक्त राष्ट्र संघ के कई संगठन और एजेन्सी की स्थापना विश्व के सभी देशों के बीच सहयोगात्मक सम्बंध स्थापित करने के लिए किया गया है, डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ भी उनमें से एक है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने और बीमारी से निजात दिलाने में भूमिका निभाने के लिए डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की स्थापना की गई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस संगठन ने कई बेहतरीन कार्य किए है लेकिन यह संगठन भी विवादों से बच नहीं पाया।इस संगठन के विवादों में रहने का सबसे प्रमुख कारण इसके ढाँचा और कार्य प्रणाली में लोकतंत्रिकरण का अभाव होना है। संगठन के लोकतंत्रिकरण का मतलब होता है सभी देशों का समुचित प्रतिनिधित्व, ज़िम्मेवारी तय करना,परद कार्यों में पारदर्शिता होना, योजना का प्रभात्मक होना इत्यादि। इन सभी कारक के अभाव के करण डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ पर कई गम्भीर आरोप लग रहे है।इसी कारण से वर्तमान में डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की कार्य प्रणाली संदेह में है। पिछले कुछ वर्षों से डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ की कार्य प्रणाली पर कई देशों ने सवाल उठायें है। सार्स वाइरस से निपटने के लिए बनाई गई नीति पर भी सवाल उठा था। फिर से पुन: 2020 में कोविड-19 से निपटने के लिए अपनाई गई योजना एवं इसके कार्यशैली पर संयुक्त राज्य अमेरिका समेत विश्व के कई देशों ने आपति जताई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनलड ट्रम्प ने डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ के डाईरेक्टर पर चीन के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाय है, साथ ही वित्तीय मदद को रोक दिया है। कोविड -19 के लिए डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ चीन की ज़िम्मेवारी अभी तक तय नहीं कर पाया है, ना ही किसी तरह की जाँच कमिटी बनाई गई है।जिसकी वजह से कई देशों ने घरेलू स्तर पर अपने संसाधन से कार्य करना शुरू किया है, परिणामस्वरूप कोविड-19 से निपटने में कठिनाई आ रही है। अत: संकट के इस समय में इस संगठन की कार्यप्रणाली प्रभावित हो गई है, जिसके कारण कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग स्थापित नहीं हो पा रहा है। यही कारण है की सभी देश डबल्यू॰ एच॰ ओ॰ का लोकतंत्रिकीकरण करना चाहते है जिससे कि यह संगठन अपन मूल उदेश्य को प्राप्त करने में सफल हो।

(लेखिका राजनीति विज्ञान विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में शोध छात्रा है)