सरकारी स्कूल बन गया है जुआरियों का अड्डा, यहां बच्चे भी खेलते हैं जुआ

कमल कुमार महतो/ कदवा, कटिहार/ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक ओर सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों के हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं। स्कूलों को जुआ खेलने का अड्डा बना रखा है। जुआ जी हां! आपने सही सुना है शिक्षा का मंदिर अब जुए का अड्डा बन चुका है।
बैखोफ जुआरियों को ये तक याद नहीं रहा कि जहां हम जुआ खेल रहे हैं। वो एक शिक्षा का मंदिर है और यहां शिक्षा दी जाती है। जिससे बच्चा पढ़ लिखकर कामयाब होता है। इस जगह जुआ खेलना कितना गलत है, लेकिन इनको इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इन्हें बस जुआ खेलने से मतलब है। जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय ढांगी में जुआरी खुलेआम जुआ खेलते नजर आ रहे हैं। जिनको न तो पुलिस का खौफ है और ना ही पकड़े जाने का।
विद्यालय व मंदिर में जुआरियों का मजमा दिनभर लगा रहता है, विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चे के साथ-साथ बड़े और बूढ़े दिनभर जुआ खेलते हैं। स्थानीय जिम्मेदारों की खराब निगरानी कार्य प्रणाली से शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हो रही है। हालत यह है कि लाखों खर्च कर बनाया गया स्कूल भवन सिर्फ जुए के अड्डे के रूप में अपनी उपयोगिता साबित कर रहे हैं। सुबह होते ही विद्यालय में जुआरियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। जिससे भवन को भी काफी क्षति पहुंच रहा है। आपको बता दे की विद्यालय बंद होने से स्थानीय नशाखोरों और जुआरियों का अड्डा विद्यालय प्रांगण के अंदर बना हुआ है। हालत यह है कि विद्यालय के चारदीवारी के नहीं होने से विद्यालय के परिसर में सिगरेट के खाली पड़े डब्बे तो कहीं ताश की पतियां बिखरी पड़ी है। वहीं विद्यालय के दीवारों पर पान और गुटके खा कर थुकने का दाग-धब्बे साफ दिखता है।
कटिहार