पति के लम्बी उम्र हेतु महिलाओं ने किया वट सावित्री की पूजा

राजीव कुमार/गम्हरिया, मधेपुरा/ गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न गांव में सुहागिन महिलाओं ने बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम से वट सावित्री की पूजा अर्चना किया ।वट सावित्री की पूजा कर रही गम्हरिया जिला परिषद बंदना कुमारी ने बताया की पौराणिक मान्यता है कि इस दिन माता सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज के यहां से अपने मृत पति सत्यवान के प्राण को वापस कर लाए थे ।इसलिए महिलाएं के लिए यह व्रत बेहद ही फलदाई माना जाता है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत हर साल जेष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है वही सुहागिन महिलाओं ने बताया सच्चे मन से इस व्रत को करती है तो उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है एवं उनके पति को लंबी आयु प्राप्त होती है ।साथ ही पति के ऊपर पड़ने वाले सभी बिपत्ति दूर हो जाती है। इसके लिए माता सावित्री की मूर्ति बांस का पंखा एवं बरगद के पेड़ में लाल धागा लिपटा जाता है।

बताया सोलह श्रृंगार कर महिलायें बरगद के पेड़ के पास पूजा करती है। व्रतियों ने बताया कि बट वृक्ष की जड़ में भगवान ब्रह्मा ,तने में भगवान विष्णु एवं डालिया व पतियों में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है ।महिलाएं इस दिन यम देवता की पूजा करती है वट सावित्री पूजा के दिन महिलाएं स्नान कर सभी सामग्रियों को बट वृक्ष के नीचे रखकर पैर के चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर परिक्रमा करती है। इसके बाद वट सावित्री व्रत की कथा सुनी जाती है उसके बाद महिलाएं घर आकर अपने पति को प्रणाम कर आशीर्वाद लेती है। मान्यता है कि पति भी इस दिन भूखे पेट रहकर अपने पत्नी को सुहाग वती होने का आशीर्वाद देते हैं। पर्व मुख्य रूप से जिला परिषद वंदना भारती प्रखंड प्रमुख की पत्नी सोनी कुमारी ,प्रीति कुमारी सहित दर्जनों सुहागिन महिलाओं ने पूजा अर्चना किया।