पन्द्रह दिन में ठेला चला मधेपुरा पहुंचा पिता -पुत्र ,कहा यहाँ रोजगार मिल जाये तो नही जाऊंगा बाहर

मधेपुरा/ सम्पूर्ण देश में कोरोना का संकट है .ऐसे में भूख की समस्या उत्पन्न होने के बाद अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूर अपने गाँव लौट रहे है.कोई साधन उपलब्ध नही होने के बाद लोग जैसे तैसे साइकिल ,ठेला या पैदल ही घर के लिए निकल गये है.बुधवार को हरियाणा से पन्द्रह दिन तक लगातार ठेला चला कर दो पिता और दो  पुत्र मधेपुरा पहुंचा.बताया कोई साधन नही था तो ठेला से निकल पड़ा.

बात करते हुए उन्होंने बताया कि हरियाणा में वो लोग दीवार पेंटिंग का कार्य करते थे.अभी लॉक डाउन लगने के बाद उनलोगों के सामने पेट की समस्या उत्पन्न हो गयी जिसका समाधान नही था.ऐसे में उसके पास एक आप्शन था कि वो घर आ जाये और जैसे तैसे ज़िंदा रह सके.कहा लॉक डाउन लगने के बाद अपने बचे पैसे से खाना पीना चल रहा था लेकिन जब पैसे खत्म हो गये तो कोई उपाय नही बच गया ऐसे में घर से दस हजार रूपये मांगा कर दो पुराना ठेला ख़रीदा और सभी चार लोग उसी पर अपना सारा सामान लाद घर के लिए निकल गया.

ये सवाल कि आप बाहर काम करने के लिए क्यों जाते हो पर रुंधे गले से कहते है कि साहब अपने बिहार में रोजगार मिल जाए तो क्यों बाहर जाऊ.यहाँ तो कुछ है ही नही .अगर यहाँ कुछ कम रूपये का भी रोजगार मिल जाए तो यहीं कम करूँगा और यहीं रहूँगा .खाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहाँ तहां रस्ते में जो मिला वो खाए बाकी भूखे रहे.कहा जब थक जाता था तो कहीं सड़क पर या पेट्रोल पम्प पर सो जाता था.अब अपना घर पहुँच गया हं यहं अपने घर का खाऊंगा  और यहीं अच्छे से सो पाउँगा.