सीएम ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों से लोगों को जागरूक करने का किया अपील

मधेपुरा/ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के जनप्रतिनिधियों ,अधिकारीयों और जीविका दीदियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया  .इस दौरान  मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और कोरोना की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में अपील किया .

उन्होंने कहा लॉकडाउन के बाद अनलॉक होते देश में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बिहार सरकार के सामने भी करोना संक्रमण को रोकने के लिए बडी चुनौती खड़ी है. उन्होंने कहा हमारे जनप्रतिनिधियों में काफी क्षमता है. बिहार में अबतक कोरोना संक्रमण को रोक पाने में जो भी सफलता हासिल हुई है, उसमें जनप्रतिनिधियों को बड़ा योगदान है. सीएम ने कहा कि, जब लॉकडाउन के हालात आए, उस वक्त भी उन्होंने जनप्रतिधियों से बातचीत की थी और उसका अच्छा परिणाम भी सामने आया.

मुख्यमंत्री ने अनलॉक हो रहे बिहार को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की भी जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी. उन्होंने कहा कि बिहार के क्वारेंटाइन सेंटरों में फिलहाल 5 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं. लेकिन 15 जून के बाद ये क्वारेंटाइन सेंटर बंद कर दिए जाएंगे. क्योंकि बाहर से आनेवाले लोग काफी हद तक वापस आ चुके हैं. कुछ लोग बचे हैं, वो एक-दो दिन में वापस आ जाएंगे. ऐसे में अब क्वारेंटाइन सेंटर की जरुरत नहीं पड़ेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा सरकार अब आईसोलेशन सेंटर चलाने की व्यवस्था पर ध्यान दे रही है. स्कूल-कॉलेजों में अब कोई सेंटर नहीं होगा. क्योंकि वहां पढ़ाई को शुरू कराना है. ऐसे में होटल या ऐसी सरकारी बिल्डिंग जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा है, वहां आईसोलेशन सेंटर बनाए जाएंगे. सरकार ने अबतक 13 हजार 796 बेड के आईसोलेशन सेंटर की व्यवस्था कर ली है. जिसे बढ़ाकर 40 हजार बेड का किया जाएगा.

सीएम ने कहा कि, बाद के दिनों में अगर कोई शख्स संक्रमित पाया जाता है तो उसे, आईसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. सरकार अनुमंडल या प्रखंड स्तर पर आईसोलेशन सेंटर की व्यवस्था करने जा रही है. गंभीर संक्रमित मरीजों को कोविड केयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा. पूरे बिहार में तीन कोविड केयर हॉस्पीटल बनाए गए हैं, जहां 2244 बेड की व्यवस्था की गयी है.

उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने एक क्वारेंटाइन सेंटर में एक व्यक्ति के रखने पर 5300 रुपए खर्च किए हैं. सीएम ने संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण चिकित्सकों से भी अपील की है. नीतीश कुमार ने कहा कि, सरकार ने कुछ दिनों पहले ही ग्रामीण चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने का काम किया है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अब ग्रामीण चिकित्सकों की भी भूमिका काफी बढ़ गई है.

सीएम ने कहा कि ग्रामीण चिकित्सक को भी लगता है कि अगर किसी मरीज में कोरोना के लक्षण हैं तो, तत्काल मरीज को जांच कराने की सलाह दें. उन्होंने कहा कि, अनलॉक होते प्रदेश में अब लोगों को ये समझाना होगा कि, वो मास्क लगातार पहनें. साफ सफाई का ख्याल रखें. बच्चे-बूढे और गर्भवती महिलाओं पर संक्रमण का प्रभाव घातक होता है, इसलिए उन्हें संक्रमित होने से बचाने की जरुरत है.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, आपदा के वक्त हमने पहले भी काम किया है. कोसी की त्रासदी हो या फिर सूखे के हालात, सरकार ने हर चुनौती में लोगों की मदद की है और हम आपदा से निकलें हैं. इस बार भी आपदा के हालात हैं और इस हालात से भी अच्छे से उबरेंगे. इस काम में जनप्रतिनिधियों को सहयोग बेहद जरुरी है. उन्होंने कहा सबों के सहयोग से पुनः कोरोना को मात देंगे और जीत दर्ज करेंगे.  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश होगी कि मजबूरी में किसी को बिहार से बाहर जाने की जरूरत न पड़े. इसके लिए सरकार को ओर से रोजगार के अवसर पैदा करने से लेकर कुशल श्रमिकों की पहचान की जा रही है.

मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी मधेपुरा नवदीप शुक्ला द्वारा भाग लिया गया .इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मधेपुरा, उप विकास आयुक्त मधेपुरा ,जिला परिषद अध्यक्ष मधेपुरा, जिला परिषद उपाध्यक्ष मधेपुरा ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए जिलाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ठ से भाग लिया. इसके अतिरिक्त अपर समाहर्ता मधेपुरा एवं अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी गण, जनप्रतिनिधि गण एवं कर्मियों ने झल्लू बाबू स्मृति सभागार डीआरडीए मधेपुरा से उक्त कार्यक्रम में भाग लिया.  प्रखंड स्तर पर सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण ने भी उक्त कार्यक्रम में भाग लिया.