सीएस ने मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को लिखा पत्र, कहा महाशय भर्ती लेने में टालमटोल मत कीजिए

मधेपुरा/ मेडिकल कॉलेज की लापरवाही थमने का नाम नही ले रहा है।सरकार ने यहां 500 बेड का कोरोना अस्पताल घोषित किया है और यहां के अधिकारी इस बात को कहते भी है कि यहां सब कुछ उपलब्ध है हमलोग मरीज के इलाज हेतु मुस्तैद है। लेकिन बेड उपलब्ध नही है कहकर मरीजों को भर्ती नही लिए जाने की शिकायत यहां कई बार आई है जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन मानने को तैयार नही है पर अब अररिया सिविल सर्जन ने इस समस्या को लेकर मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को पत्र लिखा है।

इस बाबत पत्र में कहा गया है कि अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज में अवस्थित डीसीएचसी सेंटर में कोविड-19 से ग्रसित गंभीर रोगीयों को सरकार के निदेशानुसार बेहतर इलाज हेतु जब आपके संस्थान में भेजा जाता है तो बेड खाली नही होने से संबंधित सूचना दे कर उक्त गंभीर रोगी को भर्ती करने से इनकार कर दिया जाता हैं तथा उस मरीज को जेनरल वार्ड में रखने हेतु निदेश दिया जाता हैं.

यह भी कहा जाता है कि जब बेड खाली होगा तब मरीज को कोविड वार्ड में लिया जाएगा. कोविड मरीज के परिजनों के अनुसार आपके संस्थान के कर्मियों के द्वारा टालमटोल की नीति अपनाई जाती हैं. इस वजह से कोविड पीड़ित गंभीर मरीजों की स्थिति काफी बिगड़ जाती हैं. जिससे उनकी मृत्यु होने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं.

पत्र में यह भी आग्रह किया गया है कि जनहित के दृष्टिकोण से इस संबंध में अपने स्तर से उक्त गंभीर मरीजों को अपने संस्थान में ससमय बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जाए.

इस संबंध में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के
अधीक्षक डॉ बैधनाथ ठाकुर ने कहा कि जो आरोप लगाया गया है वह बेबुनियाद है, जिस मरीज के बारे में यह कहा गया है वह मरीज कोविड नेगेटिव था. हमलोग काफी अच्छा काम कर रहे हैं.