मुखिया जी की करतूत : जिंदा व्यक्ति को अलग- अलग तिथि में दो बार किया मृत घोषित

सिंहेश्वर,मधेपुरा/ प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों नए- नए कारनामे हो रही है. यहां जिंदा व्यक्ति को दो बार मृत घोषित कर दिया गया और कबीर अंत्येष्टि योजना की रुपये डकार लिए गए है. जबकि एक मृत महिला के द्वारा पैसे भी लेने की बात कही गई है. जिसका लगभग 3 वर्ष पूर्व निधन हो गया था. ऐसे ही कई मामले है जिसमे जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर पैसे की बंदरबांट की गई है. उक्त मामला लालपुर सरोपट्टी पंचायत का जहां कबीर अंत्येष्टि योजना का काफी गोलमाल किया गया है. कइयों के परिजन को उनके घर के सदस्य की मृत्यु के बाद मुखिया के द्वारा 500- 1000 रुपये दिया गया है जबकि कइयों के परिजन को एक भी रुपया नही दिया गया है. उक्त विषय में पंचायती राज विभाग के सचिव और जिला पदाधिकारी मधेपुरा को आवेदन भी दिया गया है. जिसमे सारी बाते बताई गई है. वही दूसरी तरफ लोगों ने यह भी बताया कि पूर्व में वृद्धापेंशन का फार्म भी भरा गया था लेकिन अब तक वृद्धापेंशन की राशि प्राप्त नही हो पाई है.

जानकारी के अनुसार  पहला मामला लालपुर वार्ड संख्या 09 का है जहां मृतक सियाराम कामत के पुत्र महेश कामत ने बताया कि उसके पिता की मौत वर्ष 2017 में हुई थी. तब मुखिया के द्वारा एक भी रुपया घर के किसी भी सदस्य को नही दिया गया है. मामला यही समाप्त नही होता है. सरकारी दस्तावेजों के हिसाब से बीपीएल संख्या 1105 पहचान संख्या 4837 सियाराम कामत की मौत दो बार हो चुकी है. स्व सियाराम कामत उर्फ सियाराम मंडल पिता स्व जागेश्वर कामत पहली मौत 12 नवम्बर 2017 को हुई जबकि दूसरी मौत पहली मौत के मात्र 4 महीने बाद 31 मार्च 2018 को हुई. पहली बार मृतक की पत्नी मसोमात कारी देवी के फर्जी अंगुली की निशान पर पैसे लिये गये. जबकि दुसरी सियाराम कामत पिता जागो कामत की मौत के बाद उसके बेटे हरि कामत के फर्जी अंगूठे की निशान से रुपया ली गई.

दूसरा मामला लालपुर सरोपट्टी वार्ड संख्या 9 का ही है बीपीएल संख्या 1184 पहचान संख्या 4828 सतनी कामेत पिता जागो कामत का है सरकारी दस्तावेज के हिसाब से इनकी मौत 14 अप्रेल 2018 हो चुकी है. और उसके पुत्र की फर्जी निशान से पैसे का उठाव हो चुका है. लेकिन यहां भी सिर्फ गोलमाल है. ताज्जुब की बात है कि मौत के लगभग ढ़ाई वर्ष बाद भी उक्त व्यक्ति जिंदा है.

तीसरा मामला लालपुर सरोपट्टी वार्ड संख्या 11 बीपीएल संख्या 481 पहचान संख्या 4983 करमलाल ऋषिदेव पिता जनक ऋषिदेव का है. सरकारी दस्तावेजों के हिसाब से उक्त व्यक्ति की मौत 30 जनवरी 2018 को हो चुकी है और कबीर अंत्येष्टि का रुपया उसकी पत्नी नुनुदाय देवी को दिया गया है. लेकिन यहां सब कुछ उल्टा पुल्टा है. उक्त आवेदन में जिसे मृतक बताया गया है वो अभी जिंदा ही है और जिसके फर्जी निशान से रुपये का उठाव किया गया है उसकी मौत लगभग 3 वर्ष पूर्व ही हो चुकी है.