राखी बांध कर मनाया “ऋषी पंचमी”

फारबिसगंज, अररिया/ फारबिसगंज में माहेश्वरी समाज के लोगों ने ऋषि पंचमी को राखी बांध कर मनाया.  इस सम्बंध में चुन्नी देवी शारदा ने बताया कि आम तौर पर भारत में रक्षाबंधन का त्योंहार श्रावण पूर्णिमा (नारळी पूर्णिमा) को मनाया जाता है, लेकिन माहेश्वरी समाज (माहेश्वरी गुरुओं के वंशज जिन्हे वर्तमान में छः न्याति समाज के नाम से भी जाना जाता है, में रक्षा-बंधन का त्यौहार ऋषिपंचमी के दिन मनाने की परंपरा है।

विदित रहे की माहेश्वरी समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी ऋषि पंचमी के दिन रक्षाबंधन (राखी) का त्योंहार मनाने की परंपरा चली आई है। मान्यता यह है कि जब माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई तब जो माहेश्वरी समाज के गुरु थे जिन्हें ऋषि कहा जाता था उनके द्वारा विशेष रूप से इसी दिन रक्षासूत्र बांधा जाता था, इसलिए इसे ‘ऋषि पंचमी’ कहा जाता है। रक्षासूत्र मौली के पचरंगी धागे से बना होता था और उसमें सात गांठे होती है। वर्तमान समय में इसी रक्षासूत्र ने राखी का रूप ले लिया है और इसे बहनों द्वारा बांधा जाता है।