बड़ी खबर : बीएन मंडल विश्वविद्यालय के 44 शिक्षकेतर कर्मियों की सेवा समाप्त, जानें क्या है पूरा मामला

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने बीएन मंडल विश्वविद्यालय को डेढ़ साल पूर्व दिए गए शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति पर सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया है। इसके साथ ही इससे जुड़े 44 शिक्षकेतर कर्मियों की सेवा समाप्त हो गई है।

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के 44 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति पर सशर्त अनुमोदन की वापसी का आदेश विभाग के उपसचिव अरशद फिरोज के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्ति में रोस्टर का पालन नहीं करने तथा तय शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से यह अनुमोदन वापस लिया गया है।

बता दें कि विश्वविद्यालय के 66 सृजित पदों के विरुद्ध 44 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का शिक्षा विभाग से 15 नवंबर 2019 को सशर्त अनुमोदन लिया गया था। बाद में शिक्षा विभाग को शर्तों के उल्लंघन की शिकायत मिली।

विभाग ने इसको लेकर जांच कमेटी गठित की और मामले की जांच कराई गई। कमेटी की जांच रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय से भी प्रतिवेदन की मांग की गई। कमेटी की जांच रिपोर्ट और विश्वविद्यालय के प्रतिवेदन की गहन समीक्षा की गई।

इसमें पाया गया कि निर्गत भर्ती के लिए 100 बिंदु के आदर्श रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। इसके साथ ही तय शर्तों का उल्लंघन किया गया है। इसी के मद्देनजर 15 नवंबर 2019 को बीएन मंडल विश्वविद्यालय को 44 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया गया है।

वहीं इस मामले को लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी संघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वीराज यदुवंशी ने कहा कि अभी उनलोगों के इस तरह की कोई भी आधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। जानकारी मिलने पर वेे लोग तथ्यों का अध्ययन करेंगे तब जाकर किसी प्रकार का बयान देंगे।

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