आशा कार्यकर्ताओं ने पर्दर्शन कर किया नारेबाजी

प्रियांशु कुमार/ समस्तीपुर/ विगत हड़ताल के क्रम में हुई सहमति के अकार्यान्वित बिन्दुओं को तुरन्त लागू करने, सहमति के संदर्भ में स्वीकृत मासिक ‘पारितोषिक’ शब्द को बदलकर ‘मानदेय’ करने तथा इसका बकाया सहित अद्यतन भुगतान करने,आशाओं को देय विभिन्न मदों की राशि के भुगतान को पारदर्शी बनाने, आशाओं को देय राशि के भुगतान में स्थानीय स्तर पर व्याप्त कमीशनखोरी-भ्रष्टाचार-भेदभाव पर सख्ती से रोक लगाने, आशाओं-फैसिलिटेटरों को सरकारी सेवक का दर्जा और मासिक मानदेय 21 हजार रूपये देने, स्वास्थ्य केंद्रों में निर्मित आशा भवनों को आशाओं को उपलब्ध कराने, अश्विन पोर्टल से भुगतान में तय राशि-सीमा को समाप्त करने और पूरी अर्जित राशि के भुगतान की व्यवस्था करने, सभी आशाओं-फैसिलिटेटरों को स्मार्ट फोन आपूर्त्ति की जगह सभी आशाओं-फैसिलिटेटरों को गुणवत्तायुक्त फोन क्रय हेतु 10-10 हजार रूपये भुगतात करने व सरकारी निदेशानुसार ऑन-लाइन रिपोर्टिंग के लिए उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण देने, फैसिलिटेटरों को सिर्फ मासिक यात्रा भत्ता नहीं बल्कि पूरे माह का मानदेय भुगतान करने,फैसिलिटेटरों व आशाओं को ऊनी कोट की आपूर्त्ति की करने, ममता को सरकारी सेवक घोषित करते हुए 21 हजार रू० मासिक मानदेय देने समेत अन्य मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोपगुट के बैनर तले राज्यस्तरीय कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,पूसा के समक्ष धरना- प्रदर्शन किया।

इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की।इस दौरान आयोजित सभा की अध्यक्षता कल्पना सिन्हा ने की। मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटर का काम के हिसाब से वेतन बढ़ना चाहिए, वेतन न बढ़ने व समय पर भुगतान नहीं होने से उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। मौके पर फूल कुमारी, बुधरंजन प्रसाद, अनुराधा कुमारी, शोभा कुमारी, प्रमिला कुमारी, किरण कुमारी, कविता कुमारी, सीमा कुमारी, सुशीला देवी, अनिता कुमारी, आशा कुमारी, शर्मिला कुमारी, निर्मला कुमारी, राज कुमारी, उषा कुमारी आदि मौजूद थीं।