आधा घंटा परेशान होने के बाद परिजन को मिला ऑक्सीजन सिलेंडर, वह भी पांच मिनट में हुआ खाली

सिंहेश्वर,मधेपुरा/ जननायक कर्पुरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में अनियमितता का अंबार लगा हुआ है.  यहां जिंदगी का महत्व कर्मियों के पास नहीं है. लोग पूरी तरह से लाचार हैं. मरीज अपने परिजनों के सहारे जिंदगी को बचाता है. जो नहीं लड़ पाते हैं, उनकी मौत हो जाती है. ऐसा ही एक मामला मेडिकल कॉलेज में बुधवार को देखने को मिला. परिजन अपने मरीज की जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. मरीज की जान बचाने के लिए भागते दौड़ते दिख रहे थे. अररिया के मरीज के परिजन मो इमरान ने जानकारी देते हुए बताया कि डॉक्टर के द्वारा उनके मरीज को सीटी स्कैन करवाने के लिए कहा गया. सिटी स्कैन करवाने के लिए जाने की सोची, लेकिन मरीज ऑक्सीजन पर था. ऑक्सीजन के बिना बाहर ले जाते तो काफी परेशानी होती. जबकि ऑक्सीजन मात्र बेड के पास ही उपलब्ध था.

परिजन खुद लाये सिलेंडर, वह भी दिया गया खाली – मरीज को बाहर ले जाने के लिए उनके परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर की खोज करने लगा. काफी जद्दोजहद के बाद उसे एक छोटा गैस सिलेंडर मिल पाया. जिसे परिजन खुद ही कोविड वार्ड तक लाये और फिर मरीज को सिटी स्कैन के लिए ले जाया जाने लगा. अभी आधा रास्ता भी नहीं गुजरा था कि ऑक्सीजन सिलिंडर का ऑक्सीजन गैस खत्म हो गया. इसके बाद मरीज को जल्दी-जल्दी दोबारा बेड के पास लाया गया. मरीज के परिजनों के द्वारा ही तुरंत ऑक्सीजन सप्लाई चेन से सप्लाई दी गई. इस दौरान मरीज काफी परेशान हो गया. सांस फूलने लगी थी.

मरीज के परिजन ने बताया कि ऑक्सीजन खत्म होने के साथ ही काफी तेजी से वार्ड में पहुंचा था. समय रहते नहीं पहुंचता तो एक बड़ा हादसा हो जाता. मेरे पिता इस दुनिया में नहीं रहते. जो सिलिंडर दिया गया था बस थोड़ी ही देर में उसकी ऑक्सीजन समाप्त हो गया. सीटी स्कैन करवाने वाले स्थल तक पहुंच जाता. फिर वापस भी नहीं आ सकता था. जब इस बात की जानकारी नर्स को हुई तो थोड़ी देर बाद उसने आकर गैस बदल दिया और वापस चला गया. पूछने पर बताया उस समय इस सिलेंडर में ओक्सिजन था मीटर में शो भी कर रहा था.

इस बाबत पूछे जाने पर डॉ. बैद्यनाथ ठाकुर, अधीक्षक, जेएनकेटीएमसीएच ने बताया कि व्यवस्था में सुधार  हुआ है. मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था में लगातार सुधार की जा रही है। इसी का नतीजा है कि पिछले 24 घंटे में मात्र एक मरीज की मौत हुई है। बेहतर परिणाम की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है।