प्रभाष यादव
राजनीतिक विशलेषक,कोसी टाइम्स
दिल्ली में आप की जबरदस्त जीत के बाद अरविंद केजरीवाल के फिर से सत्ता मे लौटने के साथ ही मोदी मैजिक के अब मंद पड़ने के कयास लगाये जा रहे है. दिल्ली मे फूल नही खिला,अब बिहार में भी भाजपा को सत्ता आसानी से नहीं मिलेगी. भाजपा का ताबड़ तोड़ सोशल मिडिया और प्रिंट एलेक्ट्रॉनिक मीडिया मैनेजमेंट भी केजरीवाल को दिल्ली मे दुबारा वापस आने से नही रोक पाया. केजरी के फिर से दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने के साथ ही नवंबर मे होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव में भी आप का छाप पड़ने की संभावना है. महागठबंघन और एनडीए गठबंघन के साथ आप पार्टी एक तीसरे ध्रुव के रूप मे बिहार की राजनीति मे उभरकर सामने आ सकती हैं.विभिन्न सोशल साइट्स को खंगलाने के बाद पता चलता है कि बिहार और कोसी के युवाओं मे अब फिर से पढ़े लिखे गैर पारंपरिक पॉलिटिशियन केजरी के प्रति दीवानगी बढ़ने लगी है. केजरी का क्रेज़ बिहार मे बढ़ता हैं तो इसका सबसे ज़्यादा नुकसान एनडीए गठबंघन को ही होगा. महागठबंधन के साथ साथ आप के कयर्कर्ता भी दिल्ली चुनाव मे भाजपा की हार और मोदी सरकार की खामियों को भरपुर तरीके से उजाकर करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ेगे. बहरहाल बिहार की राजनीति में मांझी ने सबको मंझधार मे उलझाकर रखा हुआ है.
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